Monday, 3 February 2014

नये की ओर देखो तो सही
सुनो बातें कुछ अनकही
नया है, पहले दिखा नहीं
नया है, पहले देखा नहीं
नया है, पहले कहा  नहीं
नया है, पहले सुना  नहीं
तभी तो नया ,नया है
नये की ओर देखो तो सही।

हर पानी नया हर लहर नई
हर पल नया हर सुबह नई
हर नाद नया ,हर तान नई
हर पत्ता नया ,ये बहार नई
गया पुराना ,ये दुनिया नई
जो सुना न था ,सुनो तो सही
जो कहा न था ,कहो तो सही
अब तो कहो ,नया है ही सही।

पुराने को छोड़ो जरा ,आगे बढ़ो
पुराने को यहीं छोड़ ,ऊपर चढ़ो
स्वागत नये का  तुम अब करो
नये के सर न अपना दोष मढ़ो
नई इबारत लिखी जो नये ने
,उसी को अब एहतराम से पढ़ो.





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