कोई कहानी आसान नही होतौ,
होती भी है तो
वैसी कहानी बयान करते
जी मिचल जाता है
दिल मुँह को आता है
सच, कछ भी आसान नही होता।
नुमायश अपने दर्द की
जब चारों ओर बैठे हैं तिजारती
बिछाये बिसात, लगाये दाँव
हाड़ कंपा देता है उनका होना
इन सबके बीच अपने हाल
बयाँ करना आसान नहीं होता
खुद को आम करना
कैसा जलालत भरा होता है
मेरे सितम मेरे अपने होते है
तुम्हारे लिये वे फकत कहानी।
खुन के घूँट के साथ जो
मैने बार बार गटका है
कितनी बार आई उबाक
कितनी बार कहीं कुछ अटका है
अपनी ही असलियत थी
जब सामने आई थी बेपर्द
कहीं कुछ अपने ही अन्दर
न जाने कितनी बार खटका है।
अपना ही सब कुछ देख डालना
अपना ही सब कुछ खोल डालना
अपना ही सब कुछ दिखा डालना
अपना ही सब कुछ कह डालना
अपना ही सब कुछ सुना डालना
आसान नही होता, नहीं है
क्यों कि सब कुछ कहानी ही नहीं होता
हकिकत बना डालूँ कहानी
यह हर बार आसान नहीं होता।
होती भी है तो
वैसी कहानी बयान करते
जी मिचल जाता है
दिल मुँह को आता है
सच, कछ भी आसान नही होता।
नुमायश अपने दर्द की
जब चारों ओर बैठे हैं तिजारती
बिछाये बिसात, लगाये दाँव
हाड़ कंपा देता है उनका होना
इन सबके बीच अपने हाल
बयाँ करना आसान नहीं होता
खुद को आम करना
कैसा जलालत भरा होता है
मेरे सितम मेरे अपने होते है
तुम्हारे लिये वे फकत कहानी।
खुन के घूँट के साथ जो
मैने बार बार गटका है
कितनी बार आई उबाक
कितनी बार कहीं कुछ अटका है
अपनी ही असलियत थी
जब सामने आई थी बेपर्द
कहीं कुछ अपने ही अन्दर
न जाने कितनी बार खटका है।
अपना ही सब कुछ देख डालना
अपना ही सब कुछ खोल डालना
अपना ही सब कुछ दिखा डालना
अपना ही सब कुछ कह डालना
अपना ही सब कुछ सुना डालना
आसान नही होता, नहीं है
क्यों कि सब कुछ कहानी ही नहीं होता
हकिकत बना डालूँ कहानी
यह हर बार आसान नहीं होता।
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