आओ, आओ, जी म्हारो परिवार,
ऴैभव के शुभ संस्कार मै
आप भी आये, टाबरी भी आइ
डूबे सब मधुर प्यार मैं।
माँ तो आइ,आशीश ल्याई
खुशियों की बारात लायी
उन्होंने सिखाया धीरज है
चुप रहकर देखो सब कुछ
बिना थके, बिन शिकायत
करना बढ़ना ही शान्ति है।
भाभीजी आई, छाया बन कर
हर्ष हुआ मिटा देंगी चिन्ता वे।
उनकी सीख ममता सुन्दर है
हँसते हुए सब सह लेना,
चार रसगुल्लों से खुश करना
उन्होंने सिखाया समता है।
चाचीजी मेरी प्यारी माँ सी
चंचल बचपन लायी है
नोंक झोंक के साथ ही हँसना
हर दिन नया बनाना है
खुशियाँ उन्होंने सिखाई है
चाचाजी तो सदा है मुन्ना
चवन्निया हँसी लाये है
ऴैभव के शुभ संस्कार मै
आप भी आये, टाबरी भी आइ
डूबे सब मधुर प्यार मैं।
माँ तो आइ,आशीश ल्याई
खुशियों की बारात लायी
उन्होंने सिखाया धीरज है
चुप रहकर देखो सब कुछ
बिना थके, बिन शिकायत
करना बढ़ना ही शान्ति है।
भाभीजी आई, छाया बन कर
हर्ष हुआ मिटा देंगी चिन्ता वे।
उनकी सीख ममता सुन्दर है
हँसते हुए सब सह लेना,
चार रसगुल्लों से खुश करना
उन्होंने सिखाया समता है।
चाचीजी मेरी प्यारी माँ सी
चंचल बचपन लायी है
नोंक झोंक के साथ ही हँसना
हर दिन नया बनाना है
खुशियाँ उन्होंने सिखाई है
चाचाजी तो सदा है मुन्ना
चवन्निया हँसी लाये है
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