चटके हुए अइने के बेतरतीब लग रहे टुकड़े जो अरसे से बेकार उस कोने में फेंक दिये गये थे आज एकाएक किसी हीरे मोती से भी कीमती लगे जब बाहर से आने पर पता लगा की मेरे पीछे से उन्हीं टुकड़ों को हथियार बना कर महललै वोलों ने कोलोनी में घुस आये दो बदमासों को कब्जे में ले लिया। यह सही है की इसमें महल्ले वालों के साहस का बड़ा रोल था पर इन नामुराद आइने के धारदर टुकड़ों की बात भी तो वे महल्ले वाले ही तो कर रहे हैं, बता रहे हैं।
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