मोदी मोदी मोदी - सारी दुनिया मानो - मोदी जी से परेशान है ... मानो तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो सारा दोष - मोदी जी पर ही डाला जाएगा । सिर्फ राहुल परेशान नहीं है .. अमरीका .. चीन ..पाकिस्तान .. फिलिस्तीन .. जस्टिन ट्रूडो ..जॉर्ज सोरेस .. हमास ..आईएसआई .. खालिस्तानी .. आतंकवादी ..केजरी .. ममता .. अखिलेश ..लालू-भालू .. फारुख .. पूरा विपक्ष परेशान .....
बहुत लंबी लिस्ट है .. गिनती खतम ही नहीं होगी । .. ये आदमी है - या बवाल ..
और तो और ......गमलों में दो - दो करोड की गोभी उगाने वाले होनहार किसान भी परेशान .... मोदी नहीं था ...तो गमलों में भी दो करोड़ की गोभी उग जाती थी । अब वही होनहार गरीब किसान भी काजू-पिस्ता खाकर दिल्ली में सडक पर आंदोलन कर रहा है --
राहुल की थाईलैंड यात्रा बंद .... उनके जीजा का जमीन का कारोबार बंद ...माताजी की गुप्त मेडिकल यात्रा बन्द ...
सेना के जवानों पर पत्थर फेकने वाले परेशान है । कहां तो पत्थर फेकने के 500 रूपए मिलते थे ... अब गोलियां खानी पड रही है ।
पाकिस्तानी आंतकवादी भी आराम से कश्मीर घूमने आ जाते थे । एक बार तो - मुम्बई तक भी आ गए थे । अब हालात यह है कि अज्ञात लोग के निशाने पर खुद आतंकवादी है । उनको अपने ही घर से निकलने के लिए भी सोचना पड रहा है ।
नेहरू जी ने तो समय रहते - अपने हाथ से अपने गले में - मेडल डाल कर अपना सम्मान कर लिया था । भरोसा नहीं था कि - शायद बाद मे सम्मान शायद ना मिले । पर मोदी जी को अब तक 18 विदेशी " सर्वोच्च नागरिक सम्मान " मिल चुके हैं -- अब मोदी जी में पता नहीं सबको क्या दिखता है ??
इससे तो मनमोहन सिंह जी ठीक थे । किसी सम्मान का लालच नहीं था । खुद राहुल भी अगर सम्मान नहीं करें तो भी कुछ नहीं बोलते थे । जो बाहर से राष्ट्राध्यक्ष आते थे , वो भी मनमोहन जी को समझा कर जाते थे ..अब समझाते थे - या धमकाते थे - यह तो वही जाने ।
पाकिस्तान आराम से आतंकवादी भेजकर आंखें दिखाता था । पता था, मौनी बाबा फिर भी शान्ति प्रस्ताव ही भेजेगा । कश्मीर के नौजवानों को सेना पर पत्थर फेकने की आजादी थी । आजादी तो मानो भगतसिंह उनके लिए ही ले कर लाए थे ।
बहुत ही साहसिक फैसला मोदी जी ने लिया - जैसे .....
नोट बंदी भारत में करवा कर और आटे की लाइनें पाकिस्तान में लगवा दी । भारतवासियों को भले ही नोट बंदी समझ में ना आई हो पर पाकिस्तान को तो बहुत अच्छा समझ में आई । आतंकवादियों को पगार देना भारी पड़ने लगा ।
एक बात तो - मेरी समझ के भी बाहर है ।
जैसे यहां के मुसलमानो को मोदी बिल्कुल पसंद नहीं --- पर पाकिस्तानी मुसलमान कहते हैं -- काश हमें मोदी जैसा नेता मिला होता ।
पाकिस्तानी मानते हैं कि मोदी ने हिंदूओं के लिए बहुत कुछ किया है । पर यहां के हिंदू कहते हैं मोदी जी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया ।
अब बताओ -- मैं किस पर विश्वास करूं
आजादी के बाद 70 साल से हमारे अपने देश में -- हमारे भगवान का मन्दिर नहीं था -- वो भी बना -- और स्थापना का सौभाग्य मोदी जी के हाथ में था । तो कई लोगों का जलना स्वाभाविक है ।
नया संसद भवन अपने कार्यकाल मे बनवाया -- तो जलन और बढ गई । इतनी बढ गई कि विपक्ष ने संसद भवन के प्रवेश समारोह का ही बहिष्कार कर दिया ।
सभी को लगता था कि कश्मीर से धारा 370 - कभी नहीं हट सकती । फारूख खुलेआम कहता था .... अगर 370 को हाथ लगाया तो कोई भारत का झंडा फहराने वाला कोई हाथ नहीं मिलेगा । पर झंडा भी लगा -- और झंडा फहराने वाले हाथ भी मिले । पाकिस्तान बिलबिला कर रह गया -- यूनाइटेड नेशंस भी कुछ नहीं कर पाया ।
1400 साल पुराने तीन तलाक के कानून को खत्म कराया । सोचा मुस्लिम औरतें बहुत खुश होंगी और मोदी को भर भर कर वोट मिलेंगे -- पर नहीं -- राहुल ने 8500 का झूठा लालच देकर दिखा दिया -- कि देखो -- कैसे कांग्रेस इस कौम को 70 साल से बेवकूफ बना रही है -- यह काम तो कांग्रेस बिना कुछ दिए भी करवा सकती है ।
राष्ट्रपति पद पर माननीय द्रोपदी मुर्मू को सम्मानपूर्वक आसीन किया कि लोगों मे विश्वास जगे कि -- मोदी जी देश के अंतिम पंक्ति में बैठने वाले लोगों का भी विशेष ध्यान रखते हैं । पर फिर भी कुछ लोग राहुल के झूठे बहकावे में आ गए । वरना जिस कांग्रेस पार्टी ने उनकी 60 साल में सुद नहीं ली । जिनके विकास के बिल " मंडल कमीशन बिल " को कांग्रेस ने रोका । उनको भ्रमित करके , कांग्रेस सत्ता में वापसी का सपना देख रही है ।
भूल तो 1984 के दंगों को सिख कौम भी गई । मानो उन्होंने स्वीकार कर लिया -- कि " बड़ा पेड़ जब गिरता है तो धरती तो हिलती है " इस एक लाइन के बयान से हजारों लोगों का खून माफ करवा लिया गया ।
अंत में , मैं इतना ही कि मोदी जी की देश भक्ति अतुलनीय है - निःसंदेह है ।
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