उन्हें बताओं वो दुनिया ख़रीद लाए हैं
जो बूढ़े बाप का चश्मा ख़रीद लाए हैं
वो अपने बेटों को बाईक दिलाने वालें थे
सो हम भी बेटी का बस्ता ख़रीद लाए हैं
उसी का दर्द हमे मरहमो से प्यारा है
हम अपना बेच के जिसका ख़रीद लाए हैं
हमारे घर में अधेंरा नज़र नहीं आता
ये चंद सिक्कों में हम क्या ख़रीद लाए हैं
ज़मीन बेचने वालों को ये नहीं मालूम
वो दरिया बेचके क़तरा ख़रीद लाए हैं
किताब लाए है हम अपने कुछ बुज़ुर्गों की
हम अच्छे अच्छों से अच्छा ख़रीद लाए है
किसी के हिज्र में आँसु बहाने वाले हम
किसी से मिलने का सपना ख़रीद लाए हैं
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