Monday, 15 October 2018

स्पर्श का रूप, स्वरूप, मात्रा, स्थान, समय, अंतराल, पारस्परिक आत्मीयता, परम् सदविश्वास, उद्देश्य, तीब्रता, सामाजिकता, अनुमति एवम स्वीकार्यता, ब्यापकता ही स्पर्श का नैतिक औचित्य और सरोकारी मूल्य निर्धारित करते हैं।

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