Sunday, 16 August 2015

Sinha Mithilesh जी, उन्होंने सही लिखा है. आप जैसे वयक्तित्व में कोई भेद-भाव नहीं होना, ईश्वरीय वरदान है. आपकी वात्सल्यता, सहयोगियों के साथ अपनत्व मैनें आंखो देखी है..... आप श्रेष्ठता के प्रतिरुप हैं - प्रणाम स्वीकार करें श्री मान् !!

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