Wednesday, 12 August 2015



काँपते मन को थामो, यों और मत काँपने दो,
झपकती पलकें ,रूको, और मत झपकने दो
किसी को बस छू लेने दो ,काँपना रुक जायेगा
टपक जाने दो, टपकना ,झपकना रूक जायेगा
टपकाते रहना सनेह दिये में , थमना रूकना मत
जलाया जो दिया, जलता रहेगा ,तुम थकना मत.

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