Monday, 28 December 2020

 लम्बित मुकदमें लाखों की रोजी रोटी का आधार है। कोई भी मुकदमों के निस्तार होने मे ईमानदारी से रुचि नहीं रखता। यहाँ समय समय पर मुकदमों का प्रमोशन होता है। मुकदमे अमीबा की तरह खुद ही अपने न्युक्लीयस का विखंडन कर नये मुकदमे पैदा करते है। अपील, रिवीजन, रिव्यू, इंटरलोकट्री मैटर ये एक ही मुकदमें के बाल बच्चे होते है और स्वतंत्र मुकदमों की शक्ल अख्तियार कर लेते है।

मुकदमे वकील, मुहर्रिर की दुधारू गाय है। मुकदमेबाज का खेल है। कुछ का प्रिय हथियार है। हारे हूए की झूठी उम्मीद है। सरकार के लिये दायित्व और खिलवाड़ है। मुकदमें रक्त बीज है। मुकदमें एक सन्त्रास है।बड़े धनी लोगों का विलास है।मुकदमे एक भार है, दायित्व है जो पीढियों की यात्रा करता है।

मुकदमे कचहरी की तमाम शक्तियो की रखैल है। ये परस्पर संयोग कर इन्हीं शक्तियों के कमाऊ पूत पैदा करते है।

कोई नहीं चाह्ता इनका निस्तार।

न्यायालय का आधार है। न्यायालय के डेटा है। फाईल है।

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