Sunday, 12 January 2020

किसी अपराध के सम्बंध में गिरफ्तारी के बाद पुलिस हमसे नाम, पता, ब्यक्तिगत विवरण पूछ सकती है।
एक बार गिरफ्तार हो जाने के बाद आरोपी ई श्रेणी में आने के बाद पुलिस हमसे कोई भी ऐसी बात नहीं पूछ सकती जो हमे किसी अपराध की स्वीकारोक्ति के रूप में उपयोग हो सकता है। हमे गिरफ्तार होने के बाद चुप रहने का अधिकार है। पुलिस जबाब देने के लिये भी मर पीट या बल प्रयोग या यातना नहीं दे सकती।
पुलिस को गिरफ्तारी के चौबीस घण्टे के अंदर न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना ही होगा।
दण्डाधिकारी को गिरफ्तार ब्यक्ति पुलिस ज्यादती, दुर्बयवहार की शिकायत कर सकता है।
गिरफ्तारी का कारण जानने का हक़ है।गिरफ्तारी की स्थिति में अपनी गिरफ्तारी की सूचना अपने किसी रिश्तेदार, मित्र, परिवार को मिले यह आपका अधिकार है।
यदि आपको सरकारी राशि के भुगतान के सम्बंध में गिरफ्तार किया जा रहा है तो आपको भुगतान कर तुरन्त मुक्त होने का अधिकार है।
यदि आपको जमानतीय प्रकृति के आरोप के सम्बंध में गिरफ्तार किया जा रहा है तो आपको जमानत का अधिकार है।
यदि आप को केवल अर्थदण्ड के भुगतान के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है तो तत्काल भुगतान कर मुक्ति का अधिकार है।
गिरफ्तारी की स्थिति में आपको वकील से परामर्श का अधिकार है
गिरफ्तारी की स्थिति में पुलिस आपको हथकड़ी नहीं लगा सकती, कमर में रस्सा नहीं लगा सकती, आपकी मानवीय गरिमा का हनन नहीं कर सकती, पुलिस को आपके स्वास्थ्य और दैनिक नित्य प्रकृतिक क्रियाओं का समुचित ध्यान रखना होगा।
पुलिस आपको किसी भी स्थिति में मार पीट नहीं कर सकती। गिरफ्तारी के लिए भी अनुचित बल प्रयोग नहीं कर सकती। पुलिस द्वारा आपको कोई भी मारपीट, अभद्र ब्यवहार अपराध है। आप इसके लिये पुलिस पर मुकदमा कर सकते है। यह मानवाधिकार उल्लंघन का भी मामला बनता है। आप पुलिस के खिलाफ कोर्ट भी जा सकते है।

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