Friday, 15 March 2019

गुरु! तुम इतना प्रेम क्यों करते हो मुझसे।
में चल रहा था, तपती रेत पर इस तरह, डर डर के चल रहा।
मैं समझता रहा, मैं चल रहा! पर तपत नहीं,समझ न सका ?
मुझे क्या था पता? चला तो गुरु ही था, मैं तो गोद में था 🙏

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