हम शिष्य ही क्यों होते हैं। जितने भी गुरु हुए है वे बालक ही तो थे , क्रमशः गुरु पद तक पहुंचे क्योंकि वे गुरु पद तक जाना चाहते थे , गुरु का दायित्व और मर्यादा के लिये स्वयं को तैयार करते रहे।
गुरु बनने की रह पकड़ो तो सही। वैसी इच्छा करो तो सही। वह संगति प्राप्त करो जो आपको गुरु पद -गुरु ज्ञान , गुरु ब्यवहार , गुरु -संयम , गुरु प्रेम का आचरण और उसके अन्दर के रहस्य सीखा दे। पर पहले गुरु बनने का संकल्प धारण करो। यह घोषणा से नहीं , कर्म और आचरण -समर्पण , तप-तपस्या , अध्ययन - प्रयोग - संधान - अनुसंधान -विवेचना - विश्लेषण , अनुभव-विचार , चिंतन- मनन , और दिशा -दशा -दीक्षा से ही सम्भव है। किसका गुरु बनना है , कितनी दूर तक के लिये , कब तक के लिये क्यों बनना है - यह मन में जमाओ। यह महती दायित्व है। जिसके गुरु बनोगे उसको अपने ह्रदय में धारण करना होता है , उसका योग-क्षेम निर्वहन करने की योग्यता पैदा करनी होती है - अनन्त अध्ययन -धैर्य , प्रेम और साहस उत्पन्न करना पड़ता है। खुद को प्रयोगशाला बना डालना पड़ता है। अन्यत्र की पीड़ा स्वयं निमंत्रण दे स्वीकार करनी पड़ती है। सबसे पहले -सबसे आगे चलना पड़ता है। स्वयं को समिधा बना डालना पड़ता है।
पर सबसे पहले मन में संकल्प तो करो कि मुझे शिक्षक , गुरु , मार्ग-दर्शक , नेता , प्रणेता , अग्रदृष्टा बनना है।
गुरु बनने की रह पकड़ो तो सही। वैसी इच्छा करो तो सही। वह संगति प्राप्त करो जो आपको गुरु पद -गुरु ज्ञान , गुरु ब्यवहार , गुरु -संयम , गुरु प्रेम का आचरण और उसके अन्दर के रहस्य सीखा दे। पर पहले गुरु बनने का संकल्प धारण करो। यह घोषणा से नहीं , कर्म और आचरण -समर्पण , तप-तपस्या , अध्ययन - प्रयोग - संधान - अनुसंधान -विवेचना - विश्लेषण , अनुभव-विचार , चिंतन- मनन , और दिशा -दशा -दीक्षा से ही सम्भव है। किसका गुरु बनना है , कितनी दूर तक के लिये , कब तक के लिये क्यों बनना है - यह मन में जमाओ। यह महती दायित्व है। जिसके गुरु बनोगे उसको अपने ह्रदय में धारण करना होता है , उसका योग-क्षेम निर्वहन करने की योग्यता पैदा करनी होती है - अनन्त अध्ययन -धैर्य , प्रेम और साहस उत्पन्न करना पड़ता है। खुद को प्रयोगशाला बना डालना पड़ता है। अन्यत्र की पीड़ा स्वयं निमंत्रण दे स्वीकार करनी पड़ती है। सबसे पहले -सबसे आगे चलना पड़ता है। स्वयं को समिधा बना डालना पड़ता है।
पर सबसे पहले मन में संकल्प तो करो कि मुझे शिक्षक , गुरु , मार्ग-दर्शक , नेता , प्रणेता , अग्रदृष्टा बनना है।
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