शिक्षक सामाजिक, व्यवाहारिक औचित्य का स्वरूप समझाता है, अनुरोध करता है, निरूपित करता है, समझाता है।
न्यायाधीश उसी की मात्रा घोषित करता है और त्रुटि होने पर दण्ड की घोषणा करता है।
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