अपनी योग्यता से सफलता के लिये संघर्ष करते आपको राजनीति के वार तो बर्दास्त करने ही पड़ेंगे , आपके प्रतियोगी उचित अनुचित , नैतिक , अनैतिक सारे हथकंडे अपनायेंगे ही , भ्र्म , झूठ भी फैलायेंगें , इनसे बचना आपका काम है।
यदि नहीं बच सकते तो धर्म के नाम पर शहीद होने के अलावा कोई और रास्ता नहीं।सफलता ही सफलता है , योग्यता है - युद्धनीति योग्यता का एक आवश्यक अंग है , था , रहेगा।
पारस्परिक संघर्ष में शुद्धता ,पवित्रता का नहीं , आत्मरक्षा के सारे संभव साधनों की आवश्यकता होती है।
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