Sunday, 30 May 2021

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Wednesday, 28 April 2021

 प्रेम ने प्रेम दिया,  दुनिया दिखाई पर दास भाव से.  सीखा तो  सही ही.  मनोबल तो बढ़ा ही होगा वर्ना उस वक्त कौन किसी भी तरह साथ लेता  है. पर प्रेम किसी भी तरह आक्रमक ya vigorous नहीं हुए. हो भी  नहीं  सकते  थे. 

दिलीप स्वाभाविक साथ था, उसने साथ तो  दिया पर भातृ भाव से,  कुछ कुछ प्रतियोगिता शुरू से  रही. दोष भाव के साथ साथ.  कभी खुल कर नहीं. 

आलोक ने खुल कर साथ दिया,  खूब दिया,  याद ही आता है. पर वह कभी आम नहीं हुआ. अशोक अग्रवाल,  dr तिवारी,  विनय जुड़े,  बस एक  बार.  तिवारी  ने उपयोग किया.  बाल बाल बचा एक अंधी गली से .

अग्रवाल बंधु ने साथ दिया खेल खेल में.  साधारण खिलाड़ी थे.  पर पक्के खिलाड़ी थे.  कोई संकोच  नहीं. सार्वजनिक जीवन था.  भरपूर बचपन का उपभोग. 

ट्रेन आदि के अपने अनुभव हैं. 

पावर प्ले था  संजय का,  फुल, का डब्लू का,  बिट्टू का,  शुभम का. 

श्रद्धा थी मंजय की,  संतोष की,  सुधांशु की. राहुल की ये मोडरेट थे. 

Tuesday, 30 March 2021

 अपनी योग्यता से सफलता के लिये संघर्ष करते आपको राजनीति के वार तो बर्दास्त करने ही पड़ेंगे , आपके प्रतियोगी उचित अनुचित , नैतिक , अनैतिक सारे हथकंडे  अपनायेंगे ही , भ्र्म , झूठ भी फैलायेंगें , इनसे बचना आपका काम है।

 यदि नहीं बच सकते तो धर्म के नाम पर शहीद होने के अलावा कोई और रास्ता नहीं।
सफलता ही सफलता है , योग्यता है - युद्धनीति योग्यता का एक आवश्यक अंग है , था , रहेगा।
 पारस्परिक संघर्ष में शुद्धता ,पवित्रता का नहीं , आत्मरक्षा के सारे संभव साधनों की आवश्यकता होती है।