दूसरी तरफ, हमारे पड़ोस में एक वृद्ध रहते हैं। बेहद सादा जीवन हैं उनका, मध्यमवर्गीय पति पत्नी है। पत्नी जटिल गठिया से पीड़ित है, स्वयं उन्हें मधुमेह है। खुद अंकल जी, सेवानिवृत्त है सरकारी प्रबंधक के पद से। एक ही बेटा है जो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलग रह रहा है।
घर में काम काज करने के लिए कोई मदद नहीं, क्योंकि उन्हें देने के लिए पैसे नहीं उनके पास। इसलिए अंकल जी सारा काम खुद ही करते हैं घर का और अपनी पत्नी का।
हर रोज शाम को उन्हें और उनकी पत्नी को सैर पर निकलते देखती हूं। मै हमेशा पूछती हूं, " की हाल बादशाहों।" जिसपर वो चहककर जवाब देते हैं, " टकाटक! पता है आज मैंने कढ़ी बनाई थी, बड़े मजे की बनी थी। कल रात को मैंने 'बधाई हो बधाई' फिल्म देखी, मजा आ गया। तुम्हें पता है मेरे पोते ने मुझे अपनी तस्वीर भेजी है नई स्कूल यूनीफॉर्म में" मुझे मोबाइल में तस्वीर दिखाते हुए अभिमान से, "अरे मैं तो बताना ही भूल गया, आखिर गुलाब निकला है मेरे पौधे में। कल सोच रहा हूं इडली बनाऊं, तुम्हे पसंद हैं?, अच्छी बात है तुम्हारे लिए लेकर आऊंगा।" एक बेहद जीवंत हंसी हंसते हुए मुझे जेब से कुछ टॉफिया निकालकर थमाते हुए चलते बने।
No comments:
Post a Comment