Thursday, 3 March 2016

Ranjan Trivedy
दिन था 11/02/16 समय 9:46 मिनट... आप मेरे करीब थे.. लोग आपके बातो को सुन रहे थे वही दूसरी तरफ मैं आपके आँखों में एक छन के लिए देखा जहाँ एक आँखों में एक अबोध बालक दिख रहा था तो दूसरी आँखों में एकलव्य जैसी पैनी नजर वाला धनुधर ,,आप कैसे कर लेते हैं ये सब,
आप हर पल सब को प्रेरित करते रहते है।।।। अच्छा लगता हैं
जो आपके आँखों की भाषा समझ सकता हैं वो कुछ भी समझ सकता है।।। और आपने ही तो कहा था।।। एक दन ब्रम्होस की छमता धीरे धीरे समझ में आने लगेगी।।। आप ही है मेरे ब्रम्होस _()_

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